बुरो जो देखण मै चला , बुरो न मिल्या कोय।। Sant Ki Vaani...
बुरो जो देखण मै चला...Story...#DBF |
बुरो जो देखण मै चला , बुरो न मिल्या कोय...
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एक राजा को जब पता चला कि मेरे राज्य मे एक ऐसा व्यक्ति है जिसका सुबह-सुबह मुख देखने से दिन भर भोजन नही मिलता है।
सच्चाई जानने के इच्छा से उस ब्यक्ति को राजा ने अपने साथ सुलाया। फिर...
दुसरे दिन राजा की ब्यस्तता ऐसी बढ़ी कि राजा शाम तक भोजन नही कर सका ।
इस बात से क्रुद्ध होकर राजा ने उसे तत्काल फाॅसी की सज़ा का ऐलान कर दिया।
आखिरी इच्छा के अंतर्गत उस ब्यक्ति ने कहा - " राजन - मेरा मुँह देखने से आप को शाम तक भोजन नही मिला , किंतु आप का मुँह देखने से मुझे मौत मिलने वाली है।"
इतना सुनते ही लज्जित राजा को संत वाणी याद आ गई....
बुरो जो देखण मै चला , बुरो न मिल्या कोय।
जो दिल ढूढ्यो आपणो , मुझ सो बुरो न कोय ।।
जो दिल ढूढ्यो आपणो , मुझ सो बुरो न कोय ।।
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