कविता: किसी के गजरे की खुशबु को, महकता छोड़....

एक सैनिक ने क्या खुब कहा हैं.!!!
****************************

किसी के गजरे की खुशबु को,
महकता छोड आया हुँ.!!

मेरी नन्ही सी चिडीया को,
चहकता छोड आया हुँ.!!

मुझे छाती से अपनी
तु लगा लेना एे भारत माँ,

मैं अपनी माँ की बाहों को,
तरसता छोड आया हुँ.!!
-------------------

शहिदो को शत-शत नमन....
====================
Jai Hind....Jai Bhart...Jai Chhattisgarh....

Comments

Popular posts from this blog

वाह रे मानव तेरा स्वभाव...विचित्र दुनिया का कठोर सत्य... | Waah re Insaan...

जिंदगी है छोटी, हर पल में खुश हूं... Jindagi Hai Chhoti Har Pal Mein Khus Hun...

रैपिडेक्स छत्तीसगढ़ी स्पीकिंग कोर्स | अंग्रेजी से छत्तीसगढ़ी | English to Chhattisgarhi