कविता: किसी के गजरे की खुशबु को, महकता छोड़....
एक सैनिक ने क्या खुब कहा हैं.!!!
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किसी के गजरे की खुशबु को,
महकता छोड आया हुँ.!!
मेरी नन्ही सी चिडीया को,
चहकता छोड आया हुँ.!!
मुझे छाती से अपनी
तु लगा लेना एे भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को,
तरसता छोड आया हुँ.!!
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शहिदो को शत-शत नमन....
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Jai Hind....Jai Bhart...Jai Chhattisgarh....
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